Thursday, June 23, 2011

बहाना हो मौत का

खुदा करे इन हसीनाओंके मां बाप मर जाये,
बहाना हो मौत का और हम उनके घर जाये.

Saturday, March 12, 2011

थोडासा प्यार हुआ है, थोडा है बाकी ...............

दिलमें कांटे चुभों कर,
उसने बदली है राहें,
बेवफा हो गयी वो,
दिलसे उठती है आहे...

बिखरे बिखरे है अरमां,
सारे सपने है रुठे,
किया जिसपे भरोसा,
वहीं धागे है टूटें

दर्द कैसे ये सहूं,
चुप भी कैसे मै रहूं,
ये नही बात जरासी,
मैने तो प्यार किया है... तुमने की बेवफाई...
मैने तो प्यार किया है... तुमने की बेवफाई...

थोडासा प्यार हुआ है थोडा है बाकी ...............
हम तो दिल दे ही चुके बस तेरी हां है बाकी .......

Friday, October 23, 2009

कसूर हमारा था

शब-ए-महफ़िल में
सिर्फ़ अश्क हमारा था

जिससे दामन छुडाने चले
वो साया ही हमारा था

सबनें तीर चलाये
बेजां सा दिल हमारा था

हम जफ़ा पे न आये
यही कसूर हमारा था
-साधना

दिल ने मजबूर किया

दिल ने मजबूर किया, वरना
आपके दिलपे दस्तक न देते

शनासाई का फ़साना भी बनता
काश, चिराग-ए-मुहब्बत जला देते

कुछ बेबसी थी, कुछ वफ़ा-ए-उल्फ़त
जलवागिरी दिखाते तो काबिल-ए-गौर होते

दर्द को हसीं में छुपाकर न जिते
गर ख्वाब को तसब में बदल देते

-साधना

शेर-ओ-शायरी

मेरे प्यारे दोस्तों

मुझे बचपनसे ही शायरी पढने का और लिखने का शौक था ।
मेरे संग्रह में जो अच्छी शेर-ओ-शायरी है वो मैं आप लोगोंसे बांटना चाहता हूं ।
शायरीके जाने और अनजाने मेरे सभी दोस्तोंके खिदमत में कुछ शायरी पेश कर रहा हूं ।

धन्यवाद
~सागर
पुणे